Feb
08
2019
अतुल्य भारत में अद्भुतकला ओंसे परिपूर्ण जीवन शैली जो जीवन या पनके साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजे हुए हैं।
हथकरघा के माध्यम से तानाबाना का संयोगजो अहिंसक वस्त्रों के निर्माण को एक मूर्त रूपदेता हुआ जनसाधारण को प्रकृति के समीपलाने का एकविशेष प्रयास है।भारत की प्राचीन संस्कृति एवं स्वाभिमान की अमूल्य धरो हर सूतीवस्त्रों के निर्माण की अद्भुतकला को वर्तमान में जीवन्त रूप देते हुए महाकविपंडित भूरामलसामा जिकस हकारन्या हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र का एक प्रकल्प "श्रमदान" जहाँयुवाओं को इस पारंपरिक कौशल में पारंगत किया जा रहा हैतथास्वाश्रित जीवन पद्धतिका बीजबोया जारहा है यह उपक्रम एक आश्रयदान के रूप में हजारों लोगों को आश्रयप्रदान कर रहा है आपकी द्वारा ख़रीदा हुआ श्रमदान का उत्पादह जारोंपरिवारों की मुस्कान को संजीवनी की तरह सुरक्षित रखेगा।
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